प्लास्टिक फ्री होगी इस बार चारधाम यात्रा, खाली पानी की बोतल दुकानदार को वापस करने पर मिलेंगे 10 रुपये
- ANH News
- 1 दिन पहले
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उत्तराखंड सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और चारों धामों में बढ़ते प्लास्टिक कूड़े की समस्या को निस्तारित करने के लिए नए उपायों की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अब चारों प्रमुख धामों—बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री में प्लास्टिक कंपैक्टर और बेलर लगाए जा रहे हैं, ताकि प्लास्टिक कूड़े को आसानी से संकलित और नष्ट किया जा सके।
प्लास्टिक कूड़े को निस्तारित करने के लिए नई तकनीक
यह कदम धामी सरकार द्वारा किए गए उन प्रयासों का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य तीर्थ स्थलों पर पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखना है। प्लास्टिक कंपैक्टर और बेलर की मदद से प्लास्टिक की बोतलों, पैकेजिंग और अन्य कूड़े को संकुचित किया जाएगा, जिससे इसे अधिक प्रभावी तरीके से नष्ट किया जा सकेगा।
दुकानदारों से क्यूआर कोड वाली पानी की बोतलें वापस ली जाएंगी
इसके अलावा, पानी की बोतलों की खपत को नियंत्रित करने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए एक और पहल की गई है। क्यूआर कोड वाली पानी की बोतलें बाजार में उपलब्ध कराई जाएंगी। दुकानदारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन बोतलों को ग्राहकों से वापस लें और इसके बदले प्रति बोतल 10 रुपये वापस करें। यह व्यवस्था न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करेगी, बल्कि स्मार्ट और रिसाइक्लिंग आधारित सिस्टम को बढ़ावा देगी।
प्लास्टिक कूड़ा और पानी की बोतलें एक साथ होंगे निस्तारित
यह कदम उत्तराखंड के चार प्रमुख धार्मिक धामों में साफ-सफाई और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके जरिए वह प्लास्टिक कूड़ा जो आमतौर पर तीर्थ स्थलों के आसपास फैल जाता है, अब आसानी से निस्तारित किया जा सकेगा। वहीं, क्यूआर कोड वाली पानी की बोतलें स्थानीय दुकानदारों और पर्यटकों के लिए एक सुविधाजनक और पर्यावरण फ्रेंडली विकल्प होंगी।
सरकार की यह पहल क्यों है महत्वपूर्ण?
उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थल पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं, लेकिन इन स्थानों पर बढ़ती प्लास्टिक कूड़े की समस्या पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा रही थी। इस पहल से, जहां एक ओर कूड़े का निस्तारण आसान होगा, वहीं दूसरी ओर पर्यटकों को भी सजग और जिम्मेदार बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
धामी सरकार की यह नई पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सोच-समझकर लिया गया कदम है। प्लास्टिक कंपैक्टर, बेलर और क्यूआर कोड वाली पानी की बोतलें एक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल समाधान प्रदान करने के साथ ही राज्य के चारों धामों को स्वच्छ, सुंदर और टिकाऊ बनाने में मदद करेंगी।