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धामी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 28 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्त नीति पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य गठन के बाद सतर्कता विभाग ने प्रभावी कार्रवाई करते हुए 339 भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों में 78 भ्रष्टाचारियों और अन्य मामलों में शामिल 27 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी इस राह पर चलेगा, उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा।


सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री ने “सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी” थीम पर आधारित जन जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह जागरूकता अभियान प्रदेशभर में नौ नवंबर, राज्य स्थापना दिवस तक चलाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा भी करवाई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ना सिर्फ प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं बल्कि समाज और प्रत्येक नागरिक की साझा जिम्मेदारी है।


मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश के एकता और अखंडता के प्रतीक सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण करते हुए कहा कि पटेल जी ने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण भारत के सशक्त और एकीकृत राष्ट्र के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया। उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में यह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए किए गए प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि देश में नई कार्य संस्कृति का निर्माण और इसे धरातल पर उतारना प्रधानमंत्री का महत्वपूर्ण प्रयास है।


भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और शासन व्यवस्था को पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से राज्य में टोल फ्री नंबर 1064 संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में इस नंबर के माध्यम से लगभग दस हजार शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें 62 मामलों में ट्रैप और चार मामलों में खुली जांच की कार्रवाई की गई।


मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि समाज और प्रशासन की मजबूती के लिए सभी कार्मिकों का अपने कार्य में सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कार्य के प्रति अनुशासन और ईमानदारी से भ्रष्टाचार अपने आप समाप्त हो जाता है। इस अवसर पर डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव एल. फैनई और निदेशक सतर्कता वी. मुरूगेशन भी मौजूद रहे।

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