सीएम धामी का ऐलान: सभी जिलों में खुलेंगे वृद्धाश्रम, दिव्यांग विवाह अनुदान राशि दोगुनी
- ANH News
- 5 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 6 सित॰

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार समाज के इन वर्गों के सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित 'मुख्य सेवक सदन' में आयोजित वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के संवाद कार्यक्रम में उन्होंने इन योजनाओं और नीतियों की जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि राज्य के सभी जिलों में वृद्धाश्रम खोले जाएंगे, ताकि बुजुर्गों को बेहतर देखभाल और सहारा मिल सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जिलों में गैर सरकारी संगठनों द्वारा वृद्धाश्रमों का संचालन किया जा रहा है। सरकार इन सभी केंद्रों की व्यवस्थाओं को और अधिक सुव्यवस्थित व सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के लगभग 6 लाख वरिष्ठ नागरिकों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से नियमित रूप से पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए 'माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम' को प्रभावी रूप से लागू किया है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को यह कानूनी अधिकार प्राप्त होता है कि वे अपने बच्चों या उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं।
दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने दिव्यांग व्यक्तियों से विवाह करने पर मिलने वाली अनुदान राशि को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने की घोषणा की। इसके साथ ही कक्षा 1 से 8 तक के दिव्यांग विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए आयु सीमा की बाध्यता को समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है, जिससे अधिक से अधिक दिव्यांग बच्चे शिक्षा का लाभ प्राप्त कर सकें।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने दिव्यांग विवाह अनुदान और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का सॉफ्टवेयर भी लॉन्च किया। साथ ही समाज कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न पेंशन योजनाओं की पांचवीं किस्त का ऑनलाइन भुगतान भी किया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि योजनाएं तभी प्रभावी होती हैं जब वे जमीनी स्तर तक पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ पहुंचती हैं।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में देहरादून में 'प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र' का शुभारंभ किया गया है, और सरकार का प्रयास है कि निकट भविष्य में ऐसे दिव्याशा केंद्र राज्य के प्रत्येक जिले में खोले जाएं।
राज्य में फिलहाल 96 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को पेंशन दी जा रही है। इनमें से 18 वर्ष से अधिक आयु के 86 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 1500 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है, जबकि 18 वर्ष से कम आयु के लगभग 8 हजार दिव्यांग बच्चों को देखभाल एवं भरण-पोषण के लिए 700 रुपये प्रतिमाह सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए ग्रामीणों को 'तीलू रौतेली पेंशन योजना' के तहत 1200 रुपये प्रतिमाह तथा चार फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को ‘बौना पेंशन’ योजना के अंतर्गत 1200 रुपये की मासिक सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार न केवल नीतियां बना रही है, बल्कि उनके क्रियान्वयन में भी पूरी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित बुजुर्गों और दिव्यांगजनों से कहा, “आपका यह बेटा हमेशा आपके सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं में कोई कमी नहीं आने देगा।”
इस संवाद कार्यक्रम ने यह संकेत दिया कि राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में ठोस और दूरदर्शी कदम उठा रही है, जिससे उत्तराखंड का भविष्य अधिक समावेशी और संवेदनशील बन सके।





