उत्तराखंड के सीमांत जिलों को मिलेगा नया आयाम, मुख्यमंत्री धामी की बड़ी घोषणा
- ANH News
- 17 अक्टू॰
- 2 मिनट पठन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के विकास को एक नई दिशा देने के लिए सीमांत क्षेत्र विकास परिषद के गठन की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इस परिषद के माध्यम से सीमांत जिलों में सुविधाओं और सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ नवाचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों के विकास को गति देना और वहां के लोगों को आधुनिक तकनीकी तथा व्यावहारिक ज्ञान से लैस करना है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार की नई शिक्षा नीति पर भी जोर दिया, जिसमें किताबी ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। उन्होंने यह बताते हुए गर्व महसूस किया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने नई शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राजधानी देहरादून के देश की पांचवीं साइंस सिटी बनने की घोषणा की, जिसे उन्होंने उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। यह साइंस सिटी राज्य में विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगी।
ये सभी बातें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी में स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बणसू में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय चतुर्थ सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर कही। उन्होंने महोत्सव में भाग लेने वाले विभिन्न जिलों से आए बाल विज्ञानियों को संबोधित करते हुए इस महोत्सव की थीम—जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक जल संसाधन एवं संरक्षण, आपदा प्रबंधन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा संरक्षण—पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन सीमांत जिलों के प्रतिभाशाली बाल विज्ञानियों को नई दिशा और अवसर प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश आज नवाचार, अनुसंधान और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में अभूतपूर्व उन्नति कर रहा है। इसी क्रम में सरकार आम जीवन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के समावेश को बढ़ावा देकर सीमांत क्षेत्रों के सतत विकास और वैज्ञानिक सशक्तीकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रदेश में तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लास, रोबोटिक्स और इनोवेशन लैब की स्थापना की जा रही है, जिससे छात्र-छात्राएं भविष्य की तकनीक से जुड़ सकें और देश के विकास में योगदान दे सकें।
इस मौके पर केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए और बाल विज्ञान महोत्सव के महत्व पर प्रकाश डाला। इस महोत्सव के माध्यम से सीमांत क्षेत्रों के युवाओं में वैज्ञानिक सोच और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो राज्य के विकास में एक मजबूत आधारशिला साबित होगा।





