आपदा में जन्मदिन भूले धामी, जेसीबी पर सवार होकर पहुंचे तबाही के बीच
- ANH News
- 16 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 17 सित॰

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में बादल फटने और मूसलधार बारिश के चलते सोमवार रात से ही भारी तबाही का मंजर देखने को मिला है। पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों तक जलप्रलय जैसी स्थिति बन गई है। इस आपदा के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना जन्मदिन राहत और बचाव कार्यों में व्यस्त रहकर बिताया, जो न केवल उनके संवेदनशील नेतृत्व का परिचायक है, बल्कि आपदा की इस घड़ी में जनता के साथ खड़े रहने की मिसाल भी।

गंभीर हालात के बीच मुख्यमंत्री खुद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं। सामान्य मार्गों के बाधित होने और सड़कों के बह जाने के कारण वे जेसीबी मशीन पर सवार होकर दुर्गम इलाकों में पहुंचे। ग्रे रंग का सूट पहने धामी जी जब जेसीबी के केबिन में सवार दिखे, तो यह दृश्य राज्य के लिए एक असाधारण क्षण बन गया। वे खुद मलबा हटाने और राहत कार्यों की निगरानी करते दिखे, जिससे प्रभावित लोगों में राहत और विश्वास का संचार हुआ।

राजधानी देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में हालात बेहद भयावह हो गए हैं। देर रात हुई बारिश के बाद यहां के उफनते नाले ने आसपास के बाजार को पूरी तरह निगल लिया। मलबा दुकानों और होटलों में घुस गया, जिससे कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान क्षतिग्रस्त हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रात लगभग 10 बजे जब पानी और मलबा अचानक बाजार में घुसा, तब कई लोग घरों और दुकानों में फंसे रह गए। कुछ स्थानीय निवासियों ने आशंका जताई है कि मलबे के नीचे 4 से 5 लोग दबे हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने इस क्षेत्र का दौरा करते हुए राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने एसडीआरएफ, पुलिस और जिला प्रशासन को तुरंत सक्रिय होने और राहत शिविरों की स्थापना, खाद्य सामग्री, पीने के पानी और दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा।
देहरादून का मालदेवता और केसरवाला क्षेत्र भी इस आपदा से अछूता नहीं रहा। मुख्यमंत्री ने जब इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया तो स्थिति की भयावहता साफ नजर आई। मालदेवता में सहस्रधारा की धारा इतनी तेज हो गई कि करीब 100 मीटर लंबी सड़क बह गई। कई घर, दुकानें और सरकारी भवन क्षतिग्रस्त हो गए। नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं और जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वे लगातार जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन विभाग के संपर्क में हैं। राहत कार्यों में कोई कोताही न हो, इसके लिए हर स्तर पर निगरानी की जा रही है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी फोन पर स्थिति की जानकारी ली है और हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है।
इस प्राकृतिक आपदा का असर केवल देहरादून शहर तक सीमित नहीं रहा। तमसा नदी, जो सामान्यतः शांत बहती है, रात की भारी बारिश के कारण उग्र हो उठी। इसका जलस्तर इतना बढ़ गया कि तपकेश्वर महादेव मंदिर का आंगन जलमग्न हो गया। पानी की धारा हनुमान जी की प्रतिमा तक पहुंच गई, हालांकि सौभाग्यवश मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित रहा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत सहायता दी जाएगी और राज्य सरकार इस कठिन समय में हर नागरिक के साथ है। उन्होंने भरोसा जताया कि उत्तराखंड इस आपदा से उबर कर फिर से खड़ा होगा, और शासन-प्रशासन इसके लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध है।





