उत्तराखंड रजत जयंती पर भव्य रैतिक परेड, सीएम और राज्यपाल ने किया निरीक्षण
- ANH News
- 7 घंटे पहले
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उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के अवसर पर आज देहरादून पुलिस लाइन में भव्य रैतिक परेड का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने परेड का निरीक्षण किया। डीजीपी दीपम सेठ ने इस अवसर पर कहा कि पुलिस की वर्दी केवल अधिकार का प्रतीक नहीं, बल्कि आस्था, सेवा और उत्तरदायित्व का प्रतीक बननी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले वर्षों में हम सभी मिलकर उत्तराखंड को आदर्श के शिखर पर पहुंचाने का संकल्प लें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की और राज्य के उन सभी जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, कर्मचारियों, शिक्षकों और नागरिकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने पिछले 25 वर्षों में राज्य के विकास में अहम योगदान दिया। उन्होंने परेड में भाग लेने वाले पुलिसकर्मियों, एनसीसी कैडेट्स, होमगार्ड, स्काउट और गाइड, तथा सांस्कृतिक दलों की शानदार प्रस्तुतियों और अनुशासन की प्रशंसा भी की।

धामी ने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्षों की यात्रा में उत्तराखंड ने अनेक चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना किया है। प्राकृतिक आपदाओं से लेकर तीर्थ यात्राओं, कावड़ यात्रा, कुंभ मेले और विभिन्न पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के भारी दबाव तक, राज्य की कानून व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती रही। इसके बावजूद उत्तराखंड पुलिस ने हर परिस्थिति में राज्य की सुरक्षा और जनसेवा में अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। पुलिस बल ने महिला अपराधों के निस्तारण में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी सफलता हासिल की और गृह मंत्रालय द्वारा जारी महिला अपराध एवं संबंधित अधिनियमों के मामलों में उत्तराखंड देश में पांचवें स्थान पर रहा।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने आधुनिक पुलिस बल के रूप में विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर कमांडो की तैनाती और सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से जनता से सहयोग स्थापित करने की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड का युवा तकनीक की भाषा समझे, तभी प्रदेश की प्रगति और विकास की दिशा में मजबूती आएगी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वाकांक्षी घोषणाएँ कीं। उन्होंने साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना का ऐलान किया। प्रदेश में ड्रग्स फ्री देवभूमि के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का विस्तार किया जाएगा। साथ ही राज्य के सरकारी विद्यालयों में पीएम पोषण योजना के अंतर्गत बच्चों के कल्याण के लिए विशेष कोष की स्थापना की जाएगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कृषि और उद्यान फसलों की सुरक्षा हेतु जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से बचाव के लिए फार्म फेंसिंग पॉलिसी की घोषणा की। उन्होंने पारंपरिक धौरे, नाले और जल स्त्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए विशेष संवर्धन योजनाओं के प्रारंभ होने की जानकारी भी दी। उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन स्किल कोर्सेज उपलब्ध कराए जाएंगे, साथ ही सिविल सर्विसेज, बैंकिंग, मैनेजमेंट और नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग सुविधा भी दी जाएगी।

सीएम ने केदारखंड मंदिर माला मिशन, आदर्श चंपावत और आदर्श रुद्रप्रयाग के विकास की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प जताया। उन्होंने स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन के रूप में पूर्णागिरि कुमाऊंनी, आदि कैलाश और गढ़वाल के अंजनी सेन व बेला केदार क्षेत्र के विकास की योजना की भी घोषणा की। स्वास्थ्य क्षेत्र में बच्चों और युवाओं की विशेष जरूरतों पर ध्यान देते हुए, प्रत्येक जिला अस्पताल में डायबिटीज के लिए विशेष क्लीनिक खोले जाएंगे और 15 वर्ष तक के बच्चों की डायबिटीज स्क्रीनिंग मुफ्त की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड ने पिछले 25 वर्षों में चार धाम यात्रा, योग, आयुर्वेद और पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाई है। राज्य ने जल, जंगल और पहाड़ों के संरक्षण में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने स्वदेशी के मंत्र के माध्यम से देश की प्रगति और युवा शक्ति को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।

उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती पर आयोजित इस भव्य परेड और समारोह ने यह संदेश दिया कि प्रदेश की पुलिस केवल सुरक्षा बल नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और अनुशासन की मिसाल है। यह कार्यक्रम राज्य की गौरवशाली 25 वर्षीय यात्रा और भविष्य के उज्ज्वल संकल्पों का प्रतीक बनकर उभरा।





