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अब तीन बच्चों वाले लोग भी पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे, छ: साल बाद हटाया प्रतिबंध

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 4 घंटे पहले
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उत्तराखंड: पंचायत चुनावों की हलचल के बीच सरकार ने एक महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित निर्णय लेते हुए तीन बच्चों वाले नियम में बड़ी राहत की घोषणा की है। अब वे अभिभावक, जिनके तीन बच्चे हैं, पंचायत चुनाव लड़ने के पात्र होंगे — बशर्ते तीसरा बच्चा 25 जुलाई 2019 या उसके बाद जन्मा न हो।


यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि किसी व्यक्ति का तीसरा बच्चा 25 जुलाई 2019 या उसके बाद जन्मा है, तो वह पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन सकेगा। इससे पहले यह प्रतिबंध उन सभी पर लागू था जिनके तीन बच्चे थे, चाहे तीसरा बच्चा किसी भी तिथि को जन्मा हो।


पृष्ठभूमि:

वर्ष 2019 में, सरकार ने पंचायत चुनावों में जनसंख्या नियंत्रण की नीति के तहत तीन या अधिक बच्चों वाले लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। यह निर्णय विवादों में घिर गया था क्योंकि इससे उन हजारों लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया था जो वर्षों से पंचायत चुनावों की तैयारी कर रहे थे।


इस नियम के चलते कई उम्मीदवार स्वयं चुनाव नहीं लड़ पाए और उन्होंने बाहर से अपने समर्थकों को मैदान में उतारकर चुनाव लड़वाए। इस दौरान प्रदेशभर में असंतोष और विरोध भी देखने को मिला। कई लोगों ने सरकार को ज्ञापन, जनसुनवाइयों और अन्य माध्यमों से अपनी पीड़ा और आपत्ति से अवगत कराया।


छह साल बाद मिली राहत:

लगभग छह वर्षों की प्रतीक्षा के बाद, अब सरकार ने इस नियम में संशोधन करते हुए इसे आंशिक रूप से शिथिल किया है। अब केवल वे अभिभावक इस प्रतिबंध के दायरे में आएंगे जिनके तीसरे बच्चे का जन्म 25 जुलाई 2019 या उसके बाद हुआ है।


इस संबंध में सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया था, जिसकी अधिसूचना शुक्रवार को आधिकारिक रूप से प्रकाशित कर दी गई है। यह निर्णय ऐसे कई संभावित उम्मीदवारों के लिए राहत की सांस के समान है, जो पहले इस नियम के चलते चुनाव लड़ने से वंचित रह गए थे।


सरकार का यह कदम न केवल जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य को संतुलन में रखता है, बल्कि लोकतांत्रिक भागीदारी की भावना को भी सम्मान देता है। अब पंचायत चुनावों में अधिक लोगों को प्रतिनिधित्व का अवसर मिलेगा, जिससे स्थानीय शासन व्यवस्था और अधिक सशक्त हो सकेगी।

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