देश की सेवा में दिलचस्पी है तो आपके लिए है ये खुशखबरी, अग्निवीर को धामी सरकार देगी खास मदद
- ANH News
- 25 अक्टू॰
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उत्तराखंड सरकार ने युवाओं को सेना में भर्ती के लिए और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खेल विभाग ने अग्निवीर भर्ती पूर्व प्रशिक्षण के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर ली है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें सेना की अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना है, ताकि वे भारतीय सेना में अपना करियर सफलतापूर्वक बना सकें।
राज्य सरकार की इस योजना के तहत उत्तराखंड के सभी जिलों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए पात्रता शर्तों में यह अनिवार्य किया गया है कि अभ्यर्थी उत्तराखंड राज्य का स्थायी निवासी हो या राज्य के किसी शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत अथवा सेवारत हो। इसके साथ ही, अभ्यर्थी के हाईस्कूल परीक्षा में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक तथा प्रत्येक विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त होना आवश्यक है। उम्मीदवार की आयु 16 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
प्रशिक्षण के लिए इच्छुक युवक और युवतियों को अपने जिले के जिला खेल कार्यालय या जिला युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के समय अभ्यर्थियों को एक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे शारीरिक रूप से प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त हैं।
एसओपी के अनुसार, प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रतिभागियों को खेल की टी-शर्ट, नेकर, स्पोर्ट्स शूज़ और मौजे पहनकर आना होगा। इसके अलावा, उनके शरीर पर किसी प्रकार का टैटू या स्थायी अप्राकृतिक निशान नहीं होना चाहिए। प्रशिक्षण सत्रों में युवाओं को शारीरिक फिटनेस, दौड़, अनुशासन, ड्रिल, टीम भावना और मानसिक सुदृढ़ता से संबंधित अभ्यास कराए जाएंगे, जिससे वे सेना की चयन प्रक्रिया में आत्मविश्वास के साथ हिस्सा ले सकें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की गौरवशाली सैन्य परंपरा रही है, जहाँ लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य देश की सेवा में सेना का हिस्सा रहा है। इसी गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अग्निवीर भर्ती से पहले युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने अग्निवीरों को सेवाकाल पूरा होने के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का भी निर्णय लिया है, ताकि उन्हें रोजगार और सम्मानजनक भविष्य की गारंटी मिल सके।
इस योजना से न केवल युवाओं में देशसेवा का उत्साह बढ़ेगा, बल्कि उत्तराखंड की पहचान एक “वीरभूमि” के रूप में और भी सशक्त होगी। सरकार को उम्मीद है कि इस प्रशिक्षण पहल से राज्य के युवा अधिक अनुशासित, आत्मविश्वासी और सक्षम बनेंगे, जो राष्ट्र की सुरक्षा और विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।





