धामी सरकार का बड़ा फैसला, दुर्गम इलाकों में तैनात वनकर्मियों को मिलेगा आवासीय भत्ता
- ANH News
- 13 अक्टू॰
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उत्तराखंड के दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में तैनात वनकर्मियों के लिए एक राहत भरी और सराहनीय पहल करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक महत्त्वपूर्ण घोषणा की है। अब राज्य सरकार ऐसे वन कर्मचारियों को आवासीय भत्ता प्रदान करेगी, जो कठिन परिस्थितियों में अपने घर-परिवार से दूर रहकर जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। यह फैसला न केवल आर्थिक रूप से सहायक सिद्ध होगा, बल्कि वनकर्मियों के मनोबल को भी नई ऊंचाई देगा।
मुख्यमंत्री ने इस घोषणा के दौरान स्पष्ट किया कि पहाड़ी और सुदूर वन क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को अनेक प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की कमी झेलनी पड़ती है। न तो उन्हें बेहतर आवास की सुविधा उपलब्ध होती है, न ही उनके बच्चों की शिक्षा और परिवार के स्वास्थ्य की पर्याप्त व्यवस्था होती है। ऐसी विषम परिस्थितियों में कार्यरत कर्मचारियों के प्रति सरकार की यह संवेदनशीलता उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन को मजबूती देने की दिशा में एक सार्थक कदम है।
धामी ने वनकर्मियों की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि वे राज्य की अमूल्य वन संपदा की रक्षा में जुटे ऐसे सिपाही हैं, जो अक्सर अकेले जंगलों की चौकियों पर तैनात रहते हैं, जहां न बिजली होती है, न पानी, न ही कोई अन्य सुविधा। उनकी सेवा भावना और समर्पण को सम्मान देने हेतु यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ये कर्मचारी पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जो योगदान दे रहे हैं, वह राज्य के दीर्घकालिक विकास और पारिस्थितिकी सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे वित्त विभाग से समन्वय कर ऐसे क्षेत्रों की पहचान करें, जहां यह भत्ता लागू किया जा सके। प्रस्तावित क्षेत्रों की सूची तैयार कर इसे शीघ्र कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि यह योजना जल्द से जल्द लागू हो और इसका लाभ वनकर्मियों को दीपावली से पहले ही मिल सके, जिससे त्योहार की खुशी दोगुनी हो जाए।
सरकार के इस फैसले के बाद वन विभाग के कर्मचारियों में उत्साह और आभार की लहर दौड़ गई है। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस निर्णय से उन्हें अपने परिवार की देखभाल में मदद मिलेगी और वे पहले से अधिक मनोयोग से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकेंगे।
यह कदम केवल एक आर्थिक सुविधा भर नहीं है, बल्कि यह वनकर्मियों के त्याग और सेवा को पहचान देने की दिशा में एक संवेदनशील प्रयास है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार वन विभाग को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है और कर्मचारी कल्याण उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
दिवाली जैसे उल्लासमय अवसर पर यह घोषणा वास्तव में वनकर्मियों के लिए एक उपहार की तरह है, जो न केवल उनके जीवन में रोशनी लाएगी, बल्कि राज्य के पर्यावरण और प्राकृतिक धरोहर की रक्षा में भी नई ऊर्जा का संचार करेगी। उत्तराखंड सरकार की यह पहल न केवल एक प्रशासनिक निर्णय है, बल्कि यह उस संवेदना की अभिव्यक्ति है, जो कठिन परिस्थियों में सेवा देने वाले कर्मियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया एक दृढ़ और सकारात्मक कदम है।





