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कावड़ के चलते 17 जुलाई से बसों के रूट में किये जायेंगे बदलाव, किराया भी बढ़ेगा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 3 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड में इस बार 11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर रोडवेज प्रशासन ने यात्रियों की बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए बस संचालन की व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से दिल्ली सहित अन्य शहरों की ओर प्रस्थान करते हैं, जिसके चलते बस मार्गों में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं ताकि यातायात सुचारू रूप से चलता रहे।


बस मार्गों में बदलाव और संचालन की विशेष व्यवस्था

कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई तक चलेगी। इस दौरान, हर साल की तरह इस बार भी यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए बसों के मार्ग में बदलाव किया गया है। महाप्रबंधक (संचालन) पवन मेहरा ने बताया कि यात्रा के समय देहरादून और ऋषिकेश से दिल्ली जाने वाली बसें सहारनपुर या करनाल के रास्ते भेजी जाएंगी।


हरादून से हरिद्वार जाने वाली बसें इस बार केवल मोतीचूर तक ही जाएंगी। वहीं, दिल्ली से हरिद्वार आने वाली बसें गौरीशंकर पार्किंग तक पहुंचेंगी, जबकि कुमाऊं से आने वाली बसें चंडीघाट तक सीमित रहेंगी।


17 जुलाई से मार्गों में और बदलाव संभव

विशेष रूप से 17 जुलाई से डाक कांवड़ यात्रा शुरू होने के कारण बसों के मार्गों में और भी बदलाव किए जा सकते हैं। इस तिथि से ऋषिकेश और देहरादून से दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद जाने वाली बसें सहारनपुर मार्ग से गुजरेंगी। यदि इस मार्ग पर भी यातायात बाधित होता है, तो बसों को करनाल व सोनीपत के रास्ते भेजा जाएगा।


किराए में वृद्धि का भी अनुमान

नए मार्गों के कारण यात्रियों को किराए में भी वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। सहारनपुर मार्ग से दिल्ली जाने वाली बसों की दूरी लगभग 20 किलोमीटर बढ़ जाएगी, जिससे किराए में करीब 50 रुपए की बढ़ोतरी होगी। करनाल मार्ग से जाने पर दूरी लगभग 50 किलोमीटर तक बढ़ेगी, जिससे किराया करीब 110 रुपए तक बढ़ सकता है।


हरिद्वार में भीड़ को देखते हुए बसों का प्रबंधन

हरिद्वार में कांवड़ यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए हरिद्वार डिपो की बसें ऋषिकुल से चलाई जाएंगी। अगर यहां भीड़ और बढ़ जाती है तो ये बसें गौरीशंकर पार्किंग से संचालित की जाएंगी, जहां बसों की मरम्मत की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त, ऋषिकेश-हरिद्वार मुख्य मार्ग पर भीड़ अधिक होने पर बसें चीला होते हुए हरिद्वार पहुंचेंगी। देहरादून और ऋषिकेश से आने वाली अन्य बसें भी इसी मार्ग से हरिद्वार पहुंचाई जाएंगी।

 
 
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