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शिक्षा मंत्री का ऐलान-सरकार हर साल 10 हजार छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए बनाएगी लखपति

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 10 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों के लिए हर साल 10 हजार छात्रों के लिए कैम्पस प्लेसमेंट का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसका उद्देश्य है कि विश्वविद्यालय और उनके संबद्ध महाविद्यालयों में अंतिम वर्ष के छात्रों का कैम्पस इंटरव्यू आयोजित कर उन्हें प्रतिमाह न्यूनतम एक लाख रुपये वेतन पैकेज दिलाया जाए। इससे राज्य में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 10 हजार छात्रों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा सकेगा और उन्हें ‘लखपति छात्र’ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। इसके अलावा, मंत्री ने जल्द ही 25 महाविद्यालयों को स्वायत्त (ऑटोनॉमस) दर्जा प्रदान करने की भी घोषणा की है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और संस्थागत स्वतंत्रता में वृद्धि होगी।


इस संदर्भ में, राजपुर रोड स्थित एक होटल में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर ‘शिक्षा संवाद’ का उद्घाटन करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि छात्रों को केवल उच्च शिक्षा देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें व्यावसायिक और कौशल आधारित पाठ्यक्रमों से जोड़ने की भी आवश्यकता है। उन्होंने महाविद्यालय सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा प्रणाली में नए सुधारों की दिशा में मंथन जरूरी है, ताकि छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके।


चिंतन शिविर में उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुझाव भी दिया कि परीक्षा परिणाम आने के लगभग 15 दिन बाद छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं सीधे उनके घर भेजी जाएं। इससे परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और छात्रों व उनके परिवारों में संतुष्टि का भाव पैदा होगा। उन्होंने शिक्षाविदों से इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श करने की अपील की।


शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि अब प्राचार्यों के बीच पढ़ाने की पुरानी आदतें कम हो गई हैं, जबकि वे अपने विशेषज्ञता वाले विषयों में छात्रों को मार्गदर्शन देने के लिए कक्षाओं में आकर शिक्षण कर सकते हैं। कई बार ऐसा होता है कि प्राचार्य जिन विषयों के विशेषज्ञ होते हैं, वे उनके अपने महाविद्यालय में पढ़ाए नहीं जाते, ऐसे में वे नजदीकी अन्य कॉलेजों में जाकर अपनी विशेषज्ञता से छात्रों को लाभ पहुंचा सकते हैं। उन्होंने इस पहल को शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आवश्यक बताया।


इस पूरी प्रक्रिया से राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ छात्रों के रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी और उन्हें बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकेगा।

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