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उत्तराखंड सरकार ने शुरू किया ऑनलाइन पोर्टल, अब घर बैठे करा सकेंगे जमीन का CLU

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 26 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड में जमीनों के भू-उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सरल, पारदर्शी और समयबद्ध हो गई है। राज्य सरकार ने इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है, जिसके माध्यम से नागरिक अब घर बैठे ही भू-उपयोग परिवर्तन के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस व्यवस्था के लागू होने से अब वर्षों तक फाइलों के लंबित रहने की समस्या खत्म होगी और जमीनों के उपयोग में परिवर्तन की प्रक्रिया तय समय सीमा के भीतर पूरी की जा सकेगी।


आवास विभाग की नई गाइडलाइन के अनुसार, भू-उपयोग परिवर्तन की यह पूरी प्रक्रिया 18 चरणों में पूरी होगी। पहले जहां इस प्रक्रिया में कई बार वर्षों का समय लग जाता था, वहीं अब इसे छह से बारह माह के भीतर संपन्न करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे राज्य में भूमि विकास और निवेश की संभावनाओं को भी गति मिलने की उम्मीद है।


विभाग ने जमीनों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है, जिनके लिए आवेदन और अनुमोदन की प्रक्रिया में कुछ तकनीकी अंतर रखा गया है। 4,000 से 10,000 वर्ग मीटर तक की भूमि के भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति संबंधित स्थानीय प्राधिकरण स्तर पर दी जाएगी। 10,000 से 50,000 वर्ग मीटर तक की भूमि के मामलों को उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UHUDA) के स्तर पर निपटाया जाएगा, जबकि 50,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल की भूमि के लिए प्राधिकरण और शासन समिति की संयुक्त स्वीकृति आवश्यक होगी।


आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस नई डिजिटल व्यवस्था से पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी। अब सभी चरणों की निगरानी ऑनलाइन की जाएगी, जिससे आवेदन की स्थिति हर स्तर पर ट्रैक की जा सकेगी। इससे फाइलें बिना कारण लंबित नहीं रहेंगी और नागरिकों को अब भू-उपयोग परिवर्तन के लिए बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।


सरकार का मानना है कि यह पहल न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगी, बल्कि रियल एस्टेट और विकास परियोजनाओं में भी तेजी लाएगी। इससे प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और भूमि प्रबंधन से जुड़ी पारंपरिक जटिलताओं में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।

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