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Paper Leak Case: SIT को मिला खालिद का आपराधिक इतिहास, मेरठ, दिल्ली तक फैला नेटवर्क

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 29 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक प्रकरण की जांच में दून एसआईटी ने एक बड़ा खुलासा किया है। लगभग एक महीने से चल रही जांच में टीम ने मुख्य आरोपी खालिद मलिक का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल निकाला है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, खालिद के खिलाफ वर्ष 2023 में मेरठ में नकल का मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस उसके ठिकाने का पता लगाने में असफल रही थी, लेकिन अब दून एसआईटी की सूचना पर मेरठ पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।


जांच में यह भी सामने आया है कि पेपर लीक मामले की तह में जाने के दौरान एसआईटी को एक बड़े नेटवर्क के सुराग मिले, जिनके तार मेरठ और दिल्ली तक फैले हुए हैं। यह नेटवर्क प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले संगठित गिरोह से जुड़ा बताया जा रहा है। इस पूरी जानकारी और उससे संबंधित दस्तावेजों को एसआईटी ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया है। माना जा रहा है कि सीबीआई अब इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर जल्द ही इसे ध्वस्त करेगी। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।


दून एसआईटी द्वारा सीबीआई को सौंपी गई रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि जांच के दौरान सर्च वारंट के आधार पर खालिद के घर पर तलाशी ली गई थी। तलाशी के दौरान कोई भी पाठ्य सामग्री या परीक्षा से संबंधित कागजात बरामद नहीं हुए, जिससे जांचकर्ताओं का संदेह और गहरा गया। इसके बाद जब खालिद के दस्तावेजों की बारीकी से जांच की गई तो पता चला कि उसने वर्ष 2023 से 2025 के बीच कुल नौ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन किया था, जिनमें से पांच परीक्षाओं में वह शामिल ही नहीं हुआ। इसके अलावा कुछ परीक्षाओं के लिए उसने आवेदन तो किया, लेकिन उनकी शैक्षिक योग्यता की पात्रता वह पूरी नहीं करता था।


जांच एजेंसियों को संदेह है कि खालिद ने इन परीक्षाओं में शामिल न होकर संभवतः अन्य अभ्यर्थियों की जगह पेपर हल कराने या लीक से संबंधित गतिविधियों में भूमिका निभाई होगी। अब सीबीआई इस दिशा में गहराई से पड़ताल कर रही है कि यह नेटवर्क किस तरह से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सक्रिय था और किन-किन लोगों की इसमें संलिप्तता रही है।


एसआईटी अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में प्राप्त साक्ष्य बेहद महत्वपूर्ण हैं और इन्हीं के आधार पर अब सीबीआई पूरे प्रकरण की विस्तृत विवेचना करेगी। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आएगी और पेपर लीक से जुड़ा पूरा गिरोह कानून के शिकंजे में होगा।

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