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उत्तराखंड में पावर नेटवर्क होगा मजबूत, सरकार ने 20 नए बिजलीघरों की योजना को दी मंजूरी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 25 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड में औद्योगिक विकास को नई गति देने के उद्देश्य से राज्य सरकार बिजली आपूर्ति नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। इसी कड़ी में पिटकुल (पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) द्वारा राज्यभर में 20 नए बिजलीघरों के निर्माण की योजना तैयार की गई है, साथ ही पुराने सब-स्टेशनों को आधुनिक तकनीक से उन्नत किया जाएगा। इस पहल का मकसद है कि राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति अधिक विश्वसनीय, स्थिर और निर्बाध बनी रहे, जिससे उत्पादन प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए और निवेश का माहौल और अधिक सुदृढ़ हो।


ऊर्जा एवं नियोजन विभाग की तकनीकी स्वीकृति समिति ने पिटकुल की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को औपचारिक मंजूरी प्रदान कर दी है। यह संपूर्ण योजना एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के सहयोग से चल रही दूसरे चरण की विद्युत परियोजना का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत बिजलीघरों, ट्रांसमिशन लाइनों और सब-स्टेशनों के व्यापक उन्नयन का कार्य किया जाएगा। इस परियोजना से उत्तराखंड की विद्युत वितरण प्रणाली को नई क्षमता और तकनीकी दक्षता प्राप्त होगी।


राज्य के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों- जैसे कि सेलाकुईं, लालतप्पड़, हरिद्वार इंडस्ट्रियल एरिया और ऊधमसिंहनगर के औद्योगिक फार्म जोन — में बिजली नेटवर्क को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। उद्योग विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में निरंतर और गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध होने से न केवल वर्तमान औद्योगिक इकाइयों को लाभ होगा, बल्कि नए उद्योगों के निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य की आर्थिक प्रगति को नया बल मिलेगा।


प्रस्तावित कार्यों में कई महत्वपूर्ण विद्युत अवसंरचनाओं का निर्माण और आधुनिकीकरण शामिल है। इनमें सिडकुल हरिद्वार में 400 केवी एआईएस सब-स्टेशन, कोटद्वार में 400 केवी सब-स्टेशन, ज्वालापुर में 220 केवी एआईएस सब-स्टेशन तथा बरहनी बाजपुर में 220 केवी जीआईएस सब-स्टेशन का निर्माण और उन्नयन प्रमुख हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने से राज्य की ट्रांसमिशन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और विद्युत वितरण प्रणाली और भी मजबूत बनेगी।


ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार, यह परियोजना राज्य के उद्योग और पर्यटन क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। उनके अनुसार, आधुनिक तकनीकी संरचना के साथ नए सब-स्टेशनों का निर्माण और पुराने स्टेशनों का सशक्तीकरण राज्य के औद्योगिक, वाणिज्यिक तथा पर्यटन क्षेत्रों को स्थायी और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।


यह परियोजना उत्तराखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे राज्य की औद्योगिक संभावनाओं को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और सतत विकास का मार्ग और अधिक सशक्त होगा।


(नोट: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य स्रोतों पर आधारित है। कृपया इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें। यह विवरण एआई द्वारा जनित प्रस्तुति है और इसे किसी सरकारी दस्तावेज़ का आधिकारिक विकल्प न माना जाए।)

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