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शीतकालीन चारधाम यात्रा अब और भी किफायती, यात्रियों को आधे दाम पर मिलेगी आवास सुविधा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 24 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) ने यात्रियों को विशेष राहत प्रदान करते हुए अपने होटलों के किराये में 50 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में जीएमवीएन के निदेशक प्रत्यूष सिंह ने मंगलवार को औपचारिक आदेश जारी किए।


यह छूट उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में निगम द्वारा संचालित होटलों और पर्यटन आवास गृहों पर लागू होगी। इन तीनों जिलों में शीतकालीन चारधाम पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है।


कहां-कहां होती है शीतकालीन पूजा

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-निदेशक प्रत्यूष सिंह ने बताया कि शीतकालीन चारधाम यात्रा के अंतर्गत चारों धामों की पूजा अलग-अलग स्थानों पर होती है, जहाँ देव प्रतिमाएँ ग्रीष्मकालीन धामों से स्थानांतरित कर लाई जाती हैं।


-उत्तरकाशी जिले के खरसाली गांव में यमुनोत्री धाम की प्रतिमा विराजमान होती है और यहीं शीतकालीन पूजन किया जाता है।


-मुखवा गांव में गंगोत्री धाम की मूर्ति लाई जाती है और भागीरथी के किनारे श्रद्धालु मां गंगा के शीतकालीन दर्शन करते हैं।


-रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना होती है।


-चमोली जिले के ज्योर्तिमठ (जोशीमठ) में भगवान नृसिंह मंदिर में आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी की पूजा की जाती है, वहीं पाण्डुकेश्वर मंदिर में भगवान बदरीनाथ की शीतकालीन पूजा संपन्न होती है।


यात्रियों की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध

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गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) हर वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए आवास, भोजन और परिवहन की व्यवस्थाएँ करता है। अब, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, निगम शीतकालीन अवधि में भी यात्रियों को आकर्षक सुविधाएँ प्रदान करेगा ताकि तीर्थाटन के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।


इस निर्णय से न केवल तीर्थयात्रियों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि उत्तराखंड के इन तीन पर्वतीय जिलों में शीतकालीन पर्यटन को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।


जीएमवीएन ने स्पष्ट किया है कि यह 50% किराया छूट केवल निगम के स्वामित्व वाले होटलों और अतिथिगृहों में ही मान्य होगी और यह छूट शीतकालीन चारधाम यात्रा की अवधि तक लागू रहेगी।


मुख्यमंत्री धामी की पहल का उद्देश्य

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि चारधाम यात्रा की ही तरह शीतकालीन प्रवास अवधि में भी श्रद्धालुओं के लिए शीतकालीन चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित रूप से संचालित किया जाए। इस निर्णय का उद्देश्य वर्षभर धार्मिक पर्यटन को जीवंत बनाए रखना और स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

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