उत्तराखंड आने वाले वाहनों को चुकाना होगा ग्रीन टैक्स, दिसंबर से लागू होगी व्यवस्था
- ANH News
- 26 अक्टू॰
- 2 मिनट पठन

उत्तराखंड सरकार बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर दिसंबर महीने से ग्रीन टैक्स लगाने जा रही है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य राज्य में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करना, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और स्वच्छता व्यवस्था को सुदृढ़ करना है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह व्यवस्था दिसंबर से प्रभावी हो जाएगी और इसके तहत राज्य की सीमाओं से होकर प्रवेश करने वाले सभी बाहरी वाहनों पर यह कर स्वचालित रूप से वसूला जाएगा।
राज्य के अतिरिक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि उत्तराखंड की सीमाओं पर पहले से लगे स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे आने वाले वाहनों के पंजीकरण नंबर दर्ज करेंगे। वर्तमान में राज्य की सीमाओं पर 16 कैमरे कार्यरत हैं, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 37 की जा रही है ताकि सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों पर वाहनों की निगरानी सुनिश्चित की जा सके।
परिवहन विभाग ने ग्रीन टैक्स की वसूली के लिए एक विक्रेता कंपनी को नियुक्त किया है। यह कंपनी कैमरों से प्राप्त आंकड़ों को विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से संसाधित करेगी। इसके बाद यह डेटा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के डेटाबेस से जोड़ा जाएगा। एनपीसीआई के माध्यम से वाहन मालिकों के वॉलेट नंबर खोजे जाएंगे और निर्धारित कर राशि उनके खाते से स्वचालित रूप से कटकर परिवहन विभाग के खाते में जमा हो जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे टैक्स वसूली में किसी भी तरह की मानवीय त्रुटि या भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हो जाएगी।
सरकार ने विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए अलग-अलग कर दरें तय की हैं। छोटे वाहनों पर 80 रुपये, छोटे मालवाहक वाहनों पर 250 रुपये, बसों पर 140 रुपये तथा ट्रकों पर उनके वजन के अनुसार 120 रुपये से 700 रुपये तक ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा।
इस नई व्यवस्था से न केवल राज्य के पर्यावरणीय लक्ष्यों को मजबूती मिलेगी, बल्कि सड़क उपयोगकर्ताओं में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी बढ़ेगी। सरकार का मानना है कि ग्रीन टैक्स से प्राप्त राशि का उपयोग आगे चलकर राज्य में स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरणीय परियोजनाओं और सतत परिवहन ढांचे के विकास में किया जाएगा।





