देहरादून समेत कई जिलों में रेड अलर्ट, मौसम विभाग ने दी बाढ़ की चेतावनी
- ANH News
- 31 अग॰
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अपडेट करने की तारीख: 1 सित॰

मौसम विभाग ने आगामी दिनों में उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने जिलाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने 1, 2 और 3 सितंबर के लिए विभिन्न जिलों में रेड और येलो अलर्ट भी जारी किया है।
रेड और येलो अलर्ट जारी, विशेष सावधानी के निर्देश:-
1. सितंबर को देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट दिया गया है।
2. सितंबर को भी देहरादून, चमोली, बागेश्वर में भारी बारिश की संभावना के कारण रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि शेष जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी है।
3. सितंबर को पूरे राज्य में भारी बारिश की आशंका के चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने मौसम विभाग के इन अलर्ट्स का हवाला देते हुए देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर आवश्यक सावधानियां बरतने और आपदा प्रबंधन को मजबूत करने को कहा है।
मानसून में अब तक 1143.8 मिमी बारिश दर्ज, कई इलाकों में भारी वर्षा-
इस मानसून सीजन में राज्य में कुल 1143.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 29 अगस्त की सुबह 8:30 बजे से 30 अगस्त की सुबह 8:30 बजे तक खटीमा में 63 मिमी, ऊखीमठ में 57.8 मिमी, कुथनौर में 49 मिमी, बाराकोट में 45 मिमी और जानकी चट्टी में 35 मिमी तक बारिश हुई है। इसके अलावा उत्तरकाशी में 31 मिमी, गंगानगर में 25.6 मिमी, कर्णप्रयाग में 23.8 मिमी और जोशीमठ में 22.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
नदियों का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ नियंत्रण केंद्र ने जारी की सतर्कता-
सिंचाई विभाग के केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को दोपहर 3 बजे तक माया कुंड (ऋषिकेश) में गंगा नदी और मदकोट क्षेत्र में गोरी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। वहीं, कुछ नदियों में जलस्तर स्थिर या कम हो रहा है।
राज्य प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे बसे इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने तथा आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए जागरूक किया है। आपदा की स्थिति में तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए गए हैं।





