उत्तराखंड में बरसात का कहर, पहाड़ों से मलबा, 64 मार्ग ठप्प, IMD की कड़ी चेतावनी
- ANH News
- 4 अग॰
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उत्तराखंड में इस बार मानसून की तीव्रता अपने चरम पर पहुंच गई है। राज्य के कई इलाकों में लगातार भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार, 4 अगस्त के लिए राज्य के कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है, जो आगामी दिनों में और भी अधिक सतर्क रहने की चेतावनी है।
किस जिलों में जारी हैं अलर्ट?
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर जिलों में सोमवार को भारी बारिश की संभावना अधिक है, इसलिए इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, देहरादून, हरिद्वार, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, उधमसिंहनगर, पौड़ी और टिहरी जिलों के लिए येलो अलर्ट है।
येलो अलर्ट के तहत हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज बिजली चमकने और गरजने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे खुले स्थानों पर न जाएं और अधिक से अधिक सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
स्कूलों को बंद रखने का आदेश
बारिश की संभावित गंभीरता को देखते हुए नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर जिलों के प्रशासन ने आज के लिए सभी प्रकार के स्कूल—आंगनबाड़ी से लेकर इंटरमीडिएट तक—को बंद रखने का आदेश जारी किया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बारिश से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
रविवार को हुई भारी बारिश ने कई इलाकों में तबाही मचाई। चमोली जिले के विष्णुप्रयाग में भूस्खलन की घटना से सड़क यातायात बाधित हो गया। ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा राज्य के कई हिस्सों में नदियाँ उफान पर हैं और गदेरे-नाले तेजी से बढ़ रहे हैं।
सड़कें बंद, यात्री परेशान
बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में लगभग 64 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें से 52 सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों की हैं। इन मार्गों के बंद होने से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार रास्ते खोलने और राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
प्रशासन की अपील
राज्य प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे मौसम विभाग के अलर्ट को गंभीरता से लें। बिना अत्यावश्यक कारण घरों से बाहर न निकलें, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा से बचें। आपदा की स्थिति में निकटतम प्रशासनिक या पुलिस विभाग से संपर्क करें और सुरक्षा नियमों का पालन करें।





