top of page

पहाड़ों में हिमपात, मैदानों में कंपकंपी, मौसम ने बदला मिजाज

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 9 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
ree

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी का प्रभाव मंगलवार को भी राज्य के मैदानी इलाकों में स्पष्ट रूप से देखने को मिला। राजधानी देहरादून में मौसम ने अचानक करवट ली, जहां दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम होकर 26.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं, रात का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से नीचे दर्ज किया गया, जिससे मौसम में ठिठुरन का अहसास होने लगा।


सुबह तड़के हुई बारिश ने पूरे शहर को भीगने पर मजबूर कर दिया। हल्की बारिश के बावजूद वातावरण में दिनभर नमी और ठंडी हवाओं का प्रभाव बना रहा, जिसने लोगों को हल्की सर्दी का अनुभव कराया। मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देहरादून में 2.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। हालांकि आगामी 24 घंटों में मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना जताई गई है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश के आसार अब भी बने हुए हैं।


इस बार मौसम ने कुछ ऐसा रुख अपनाया है जो सामान्य से कहीं अधिक चौंकाने वाला है। करीब 30 वर्षों के बाद अक्तूबर के पहले सप्ताह में इस प्रकार की बर्फबारी देखने को मिली है, जो असामान्य मानी जा रही है। समय से पहले हुई बर्फबारी ने उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों को पूरी तरह ढक दिया है। नीती घाटी के गमशाली, फरकिया, द्रोणागिरी, बाम्पा, मलारी सहित अन्य ऊंचाई वाले गांवों में भारी बर्फबारी दर्ज की गई है, जिससे इन इलाकों में जीवन-यापन प्रभावित हुआ है।

ree

बर्फबारी के कारण केवल जनजीवन ही नहीं, बल्कि कृषि पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है। नीती घाटी में कई खेतों से अब तक अनाज नहीं निकाला गया है, ऐसे में अचानक हुई बर्फबारी से फसल को नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। इसके अलावा, भारत-चीन सीमा के पास स्थित माणा और नीती की अग्रिम चौकियां भी बर्फ की मोटी चादर से ढक चुकी हैं, जिससे सामरिक दृष्टि से भी चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।


कुल मिलाकर, मौसम का यह बदला मिजाज जहां एक ओर प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए यह चिंता और कठिनाइयों का कारण भी बन रहा है। अब मौसम विभाग की आगामी चेतावनियों और अनुमानित परिस्थितियों पर ही नजर रखी जा रही है, ताकि समय रहते समुचित प्रबंधन किया जा सके।

bottom of page