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उत्तराखंड: हर पल सावधानी जरूरी, 5 दिन बिजली-बारिश का अलर्ट

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 5 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 6 सित॰

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देहरादून। उत्तराखंड में इस वर्ष मॉनसून ने पहाड़ों पर जमकर कहर बरपाया है, और फिलहाल भी इसका प्रकोप थमता नजर नहीं आ रहा। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, राज्य में 5 सितंबर 2025 को गरज-चमक, तेज हवाओं और भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम की स्थिति को देखते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई जिलों के लिए चेतावनी जारी की है।


राज्य के अधिकांश हिस्सों में आज हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना बनी हुई है, लेकिन देहरादून, बागेश्वर और नैनीताल जैसे जिलों में भारी बारिश के तीव्र दौर (इंटेंस रेन स्पेल) देखे जा सकते हैं। इन इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की आशंका भी जताई गई है, जिससे स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड में रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने चेताया है कि खुले स्थानों पर न जाएं और मौसम को लेकर सतर्कता बनाए रखें।


तापमान की बात करें तो मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य स्तर पर 28 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में यह गिरकर 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से थोड़ा नीचे रहने का अनुमान है, खासकर पर्वतीय इलाकों में यह 15 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जिससे पर्वतीय मार्गों पर भूस्खलन और पेड़ गिरने जैसी घटनाओं की आशंका भी बनी हुई है।


दक्षिण-पश्चिम मानसून इस समय उत्तराखंड में पूरी सक्रियता के साथ बना हुआ है। अगस्त 2025 में राज्य में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई। जहां सामान्य बारिश का आंकड़ा 73.4 मिमी है, वहीं इस वर्ष यह बढ़कर 84.1 मिमी तक पहुंच गया। 2 सितंबर को कुछ इलाकों में तो 12 से 20 सेंटीमीटर तक भारी वर्षा हुई, जिससे हिमाचल और उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।


सितंबर के पहले सप्ताह में मॉनसून की वापसी के कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिख रहे हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि 4 से 9 सितंबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ भारी बारिश के दौर जारी रह सकते हैं। आने वाले पांच दिनों तक उत्तराखंड में गरज-चमक, तेज हवाओं और बिजली गिरने की घटनाएं संभावित हैं, जिसके मद्देनजर लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।


स्थानीय प्रशासन को भी पर्वतीय मार्गों की निगरानी बढ़ाने और संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन के प्रति विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी को देखते हुए यात्रा करने वाले पर्यटकों और आम लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम से जुड़ी अपडेट्स पर नजर रखें और अनावश्यक यात्रा से बचें।


राज्य में इस समय मौसम न सिर्फ अनिश्चित बना हुआ है, बल्कि कई स्थानों पर यह जनजीवन को प्रभावित करने की स्थिति में भी पहुंच चुका है। ऐसे में मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की सक्रियता और जनसहभागिता ही किसी भी बड़ी क्षति को रोकने में सहायक हो सकती है।

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