सावधान! उत्तराखंड में फिर मौसम ने ली करवट, दो दिन तक भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट
- ANH News
- 6 अक्टू॰
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उत्तराखंड में अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। पहाड़ों की रुमानी वादियों में जहां ठंडक धीरे-धीरे बढ़ रही है, वहीं आने वाले दिनों में तेज बारिश और बर्फबारी की चेतावनी ने सैलानियों और स्थानीय लोगों को अलर्ट कर दिया है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश तो आज देखने को मिल सकती है, लेकिन 6 और 7 अक्टूबर को मौसम का मिजाज एकदम तीखा होने वाला है। इन दो दिनों में राज्य के कई जिलों में भारी बारिश और 4000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी किया गया है।
देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत जैसे जिलों में अगले 48 घंटे काफी संवेदनशील बताए जा रहे हैं। आज के दिन राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में मौसम आमतौर पर सुहावना रहेगा। कहीं-कहीं बादल छाए रहेंगे और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। तापमान 18 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा, जो पहाड़ी इलाकों में सर्द हवाओं के साथ ठिठुरन का अनुभव भी देगा।
5 अक्टूबर से बारिश की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना जताई गई है। खासकर उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर और देहरादून में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कहीं-कहीं तेज बौछारें भी पड़ सकती हैं। इसके अगले ही दिन, यानी 6 अक्टूबर को, प्रदेश में मौसम अपना असली रंग दिखा सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग में भारी बारिश की आशंका है, जिसके साथ बिजली गिरने और अत्यधिक जलभराव जैसी स्थितियां बन सकती हैं।
4000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों, जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और गंगोत्री में इस दौरान बर्फबारी की भी संभावना जताई गई है। यह बर्फबारी जहां एक ओर पर्यटकों को आकर्षित करेगी, वहीं दूसरी ओर यात्रा और परिवहन व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकती है। 7 अक्टूबर को यह सिस्टम और अधिक सक्रिय होने की संभावना है, जिससे चमोली, देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत जैसे जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि उत्तराखंड में मॉनसून अब अपने अंतिम चरण में है। मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह से मॉनसून की विदाई शुरू हो चुकी है, हालांकि 6 और 7 अक्टूबर की बारिश इस सीजन की अंतिम बड़ी बारिश हो सकती है। इसके बाद मौसम के शुष्क होने और ठंड बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। ऊंचे इलाकों में संभावित बर्फबारी को सर्दियों की दस्तक के रूप में भी देखा जा रहा है।
ऐसे में स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभागों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, वहीं लोगों से भी अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें, अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहने का प्रयास करें। धार्मिक यात्राएं करने वाले श्रद्धालुओं, विशेष रूप से चारधाम यात्रियों को मौसम की ताजा जानकारी लेते रहना आवश्यक है।
उत्तराखंड में प्रकृति का सौंदर्य जितना लुभावना है, यहां के मौसम की unpredictability भी उतनी ही गंभीर हो सकती है – इस बात को हर वर्ष की तरह इस बार भी मौसम ने स्पष्ट कर दिया है।





