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Uttarkashi: कल्प केदार मंदिर की लोकेशन मिली, ग्रामीणों ने स्थापित की हनुमान झंडी, दर्शन की उम्मीद

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 22 अग॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 23 अग॰

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उत्तरकाशी, धराली- बीते 5 अगस्त को आई भीषण आपदा में मलबे के नीचे दबे प्राचीन कल्प केदार मंदिर की संभावित लोकेशन का पता अब GPR (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) तकनीक की मदद से लगाया गया है। मंदिर की स्थिति की जानकारी मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों, ITBP और SDRF की टीमों ने संयुक्त रूप से मौके पर हनुमान झंडी स्थापित की और पूजा-अर्चना शुरू कर दी।


मंदिर की खोज में तकनीक और आस्था का संगम

मंदिर समिति के सचिव संजय पंवार ने जानकारी दी कि गुरुवार सुबह ITBP और SDRF के जवानों ने बताया कि मंदिर करीब 8 से 10 फीट गहराई में मलबे के नीचे स्थित है। यह सूचना मिलने के बाद गांव में आशा और श्रद्धा की लहर दौड़ गई।


स्थानीय लोगों का मानना है कि जैसे कुछ दिन पहले मलबे से राजराजेश्वरी की मूर्ति सुरक्षित बाहर निकली थी, वैसे ही बाबा कल्प केदार का मंदिर भी जल्द ही मिल जाएगा और दर्शन की पुनः व्यवस्था हो सकेगी।


स्थान चिह्नित कर स्थापित की गई हनुमान झंडी

मंदिर की संभावित लोकेशन की पुष्टि होते ही ग्रामीणों और रेस्क्यू टीमों ने मिलकर वहां हनुमान जी की झंडी स्थापित की। ग्रामीणों ने संकल्प लिया है कि जब तक मंदिर पूरी तरह से बाहर नहीं निकलता, उस स्थान पर नित्य सुबह-शाम पूजा की जाएगी।


महाभारतकालीन महत्व का मंदिर

यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि स्थानीय आस्था और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र रहा है। कहा जाता है कि यह महाभारतकालीन कल्प केदार मंदिर हजारों वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है। आपदा के दौरान इसके साथ ही कई बहुमंजिला भवन और होटल भी मलबे में दब गए थे।


जारी है राहत और सर्च अभियान

आपदा के बाद से ही NDRF, ITBP, SDRF और अन्य एजेंसियाँ रेको डिटेक्टर और GPR जैसी तकनीकों की मदद से लगातार मलबे में दबे लोगों और संरचनाओं की तलाश में जुटी हैं। मंदिर की लोकेशन मिलना इस अभियान में एक बड़ी उम्मीद की किरण है।


स्थानीय निवासियों का विश्वास है कि बाबा कल्प केदार का मंदिर सुरक्षित होगा और बहुत जल्द उन्हें फिर से उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। फिलहाल श्रद्धालु झंडी स्थल को ही मंदिर मानकर श्रद्धा के साथ पूजा कर रहे हैं।

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