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मलबा जमा, कृत्रिम झील बनी यमुना, NDRF और प्रशासन ने संभाला मोर्चा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 22 अग॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 23 अग॰

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उत्तरकाशी- यमुनोत्री धाम की यात्रा पड़ाव स्यानाचट्टी में हालात बेहद संवेदनशील हो गए हैं। कुपड़ा खड्ड से आए भारी मलबे और पत्थरों के कारण यमुना नदी का बहाव रुक गया, जिससे एक कृत्रिम झील का निर्माण हो गया है। झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और इसके चलते स्यानाचट्टी कस्बे और आस-पास के इलाकों में खतरे की आशंका बनी हुई है।


झील का आकार और खतरा

झील की लंबाई करीब 400 मीटर और चौड़ाई लगभग 300 मीटर बताई जा रही है।

जलस्तर बढ़ने से स्यानाचट्टी बाजार और रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए हैं।

यमुनोत्री हाईवे का पुल भी झील के पानी में आधा डूब गया है, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है।

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राहत व बचाव कार्य में जुटी टीमें

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व, खाद्य आपूर्ति, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। झील को चैनलाइज कर जल निकासी की कोशिशें जारी हैं।

पिछले एक घंटे में जलस्तर में लगभग दो फीट कमी आई है, जो राहत का संकेत है।

मलबे को हटाने और झील के मुहाने को खोलने का प्रयास युद्धस्तर पर जारी है।


प्रशासन और सरकार की सक्रियता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए हैं कि झील के चैनलाइजेशन और जल निकासी के लिए ज़िला प्रशासन से समन्वय स्थापित करें।

मुख्यमंत्री ने स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने को कहा है।

रिहायशी इलाकों से लोगों की शिफ्टिंग

करीब 60 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

स्यानाचट्टी के साथ ही कुथनौर और खरादी गांवों के लोगों ने अपने मूल गांवों — जैसे स्यालना, पुजारगांव, पाली और भंसाड़ी — की ओर रुख कर लिया है।

प्रशासन ने होटल और घर खाली कराए हैं, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।



ज़रूरी सामानों की व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि स्थानीय लोगों और सुरक्षित स्थानों में ठहराए गए व्यक्तियों के लिए निम्नलिखित आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएं:

भोजन व सूखा राशन

रसोई गैस

दवाइयां

पेट्रोल-डीजल

अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं


चुनौतियां बनी हुई हैं-

भारी जलभराव और अधडूबे हाईवे पुल के कारण राहत और बचाव कार्यों में रुकावट आ रही है।

लगातार बारिश भी प्रयासों को बाधित कर रही है।

झील के फूटने की आशंका से इलाके में डर का माहौल है।


जिलाधिकारी का आश्वासन

डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि:

"स्थानीय लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन पूरी मुस्तैदी से हालात पर नज़र बनाए हुए है। सभी सुरक्षा उपाय और ज़रूरी संसाधन मौके पर हैं। जैसे ही स्थिति अनुकूल होगी, झील को नियंत्रित तरीके से खोला जाएगा।"


स्यानाचट्टी की कृत्रिम झील एक आपात स्थिति में तब्दील हो चुकी है, लेकिन प्रशासन की तत्परता और समन्वित प्रयासों से अब तक हालात नियंत्रण में हैं। जलस्तर में आई मामूली कमी राहत का संकेत है, पर खतरा अभी टला नहीं है। आने वाले कुछ घंटे और दिन निर्णायक होंगे।

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