उल्टा स्वास्तिक क्यों और कब बनाया जाता है? जानें इसके महत्व और लाभ
- ANH News
- 27 जन॰
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स्वास्तिक हिंदू धर्म में शुभता, सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। इसे पूजा, यज्ञ और अन्य धार्मिक कार्यों में विशेष स्थान दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी उल्टे स्वास्तिक के बारे में सुना है? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उल्टा स्वास्तिक भी एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाया जाता है। आइए जानते हैं इसे कब और क्यों बनाया जाता है और इसके पीछे छिपे धार्मिक और ज्योतिषीय कारण।
उल्टा स्वास्तिक का अर्थ और महत्व
स्वास्तिक का सीधा रूप देवताओं की कृपा और शुभता का प्रतीक है, जबकि उल्टा स्वास्तिक नकारात्मकता को समाप्त करने और बाधाओं को दूर करने के लिए बनाया जाता है। इसे ‘वामावर्ती स्वास्तिक’ भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, उल्टा स्वास्तिक नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करके घर या कार्यस्थल में सकारात्मकता लाने का कार्य करता है।
कब बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक?
1. नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए: अगर किसी स्थान पर लगातार नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो या परेशानियां बढ़ रही हों, तो उल्टा स्वास्तिक बनाना लाभकारी माना जाता है।
2. ग्रह दोष निवारण के लिए: ज्योतिष के अनुसार, अगर कुंडली में ग्रह दोष हो, तो उल्टा स्वास्तिक बनाकर उसका उपाय किया जा सकता है।
3. दुर्गा पूजा या तंत्र साधना में: विशेष प्रकार की पूजा, जैसे दुर्गा पूजा या तंत्र साधना में, उल्टा स्वास्तिक बनाया जाता है।
4. पितृ दोष शांति के लिए: पितरों की शांति के लिए की जाने वाली पूजा में भी इसका उपयोग होता है।
उल्टा स्वास्तिक कैसे बनाएं?
1. किसी पवित्र स्थान, जैसे घर के मंदिर, पूजा स्थल या मुख्य द्वार पर उल्टा स्वास्तिक बनाया जाता है।
2. इसे लाल रंग, हल्दी, चंदन या गोबर से बनाया जाता है।
3. स्वस्तिक के चारों ओर शुभ संकेत, जैसे 'शुभ' और 'लाभ' लिखा जा सकता है।
4. पूजा के दौरान स्वास्तिक के सामने दीपक जलाएं और मंत्रोच्चार करें।
उल्टा स्वास्तिक बनाने के लाभ
नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
बाधाओं और परेशानियों में कमी आती है।
घर या कार्यस्थल में सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण बनता है।
ग्रह दोष और पितृ दोष के प्रभावों को कम करता है।
सावधानियां
उल्टा स्वास्तिक बनाते समय इसे अशुद्ध स्थानों पर न बनाएं।
इसे हमेशा शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करते हुए ही बनाएं।
बिना किसी जानकार की सलाह के इसे किसी विशेष पूजा में शामिल न करें।
ध्यान रखें
उल्टा स्वास्तिक बनाने का उद्देश्य नकारात्मकता को समाप्त करना और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाना है। इसे सिर्फ सही समय और सही विधि से बनाया जाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसका उपयोग तभी करें जब विशेषज्ञ की सलाह मिले।





