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उत्तराखंड में 95 आध्यात्मिक गांव विकसित किए जाएंगे, CM ने किया ऐलान

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 18 नव॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 19 नव॰

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश और दुनिया के लिए एक आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके लिए सरकार जिला और ब्लॉक स्तर तक योग, आयुर्वेद और ध्यान केंद्रों का विस्तार कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हर ब्लॉक में एक-एक गांव को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आध्यात्मिक गांव के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे राज्य को पर्यटन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।


उनकी अध्यक्षता में सोमवार को सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक आयोजित हुई, जिसमें विकास कार्यों की प्रगति, जनशिकायतों के समाधान और प्रशासनिक सुधारों की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के विज़न को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एक जिला–एक मेला अभियान के तहत ऐसे मेलों को बढ़ावा दिया जाएगा जिनसे स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचे। उन्होंने निर्देश दिया कि चयनित मेलों को राजकीय मेला घोषित किया जाएगा, ताकि उन्हें बेहतर संरक्षण, वित्तीय सहयोग और समुचित प्रचार-प्रसार का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मेलों का संचालन स्थानीय स्तर पर ही होता रहेगा, जबकि राज्य सरकार केवल सहायता और आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।


सीमा से लगे गांवों में विकास को लेकर भी मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से वाइब्रेंट विलेज योजना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चिन्हित गांवों में होमस्टे, स्वरोजगार, उद्यानिकी, कृषि और सौर ऊर्जा से जुड़ी गतिविधियों की नियमित निगरानी की जाए। सीमा क्षेत्रों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने शीतकालीन चारधाम यात्रा और बारहमासी पर्यटन की तैयारियों को तेज करने के निर्देश दिए। इसके तहत उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में होटलों, होमस्टे संचालकों और अन्य सेवा प्रदाताओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने को कहा गया। साथ ही, उन्होंने केएमवीएन और जीएमवीएन को शीतकालीन यात्राओं के लिए विशेष छूट पैकेज तैयार करने और लागू करने के निर्देश दिए।


राज्य में आध्यात्मिक आर्थिकी को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा के द्वाराहाट स्थित द्रोणगिरि क्षेत्र, चंपावत के श्यामलाताल–देवीधूरा इलाके और अन्य संभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा। बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना एवं सुरक्षा) अभिनव कुमार, कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहुंच दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री ने जीआई टैग वाले उत्पादों के निर्यात की दिशा में ठोस कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले को अपनी कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए, ताकि स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार मिल सके और किसानों की आय में बढ़ोतरी हो।


राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री ने जिला स्तर पर नियमित सत्यापन और निरीक्षण अभियानों को सक्रिय रूप से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बनाए रखने और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर जोर दिया। शहरों और संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था और उनकी रियल-टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा गया। नशे की रोकथाम के लिए संभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और पुलिस महानिदेशक के मार्गदर्शन में एक विशेष अभियान टीम गठित करने की बात कही गई।


सड़कों की हालत को लेकर मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि राज्य की सभी सड़कों को पूरी तरह गड्ढा मुक्त बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि विशेष रूप से उन क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां बार-बार सड़कें नुकसानग्रस्त होती हैं, और प्राथमिकता के आधार पर उनकी मरम्मत कर गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।


अंत में मुख्यमंत्री ने पिछले तीन वर्षों में जारी किए गए स्थायी निवासी प्रमाणपत्रों की व्यापक जांच का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी भी प्रमाणपत्र को गलत तरीके से जारी किया गया है, तो इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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