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धामी सरकार का बड़ा फैसला, सड़क हादसों में घायलों को अस्पतालों में मिलेगा कैशलेस इलाज

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 20 नव॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड: प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं से प्रभावित व्यक्तियों को अब आयुष्मान योजना से जुड़े अस्पतालों के साथ-साथ अन्य अस्पतालों में भी कैशलेस उपचार उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन और स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि दुर्घटना के बाद घायल व्यक्ति को किसी भी स्वास्थ्य संस्था में बिना आर्थिक बाधा के तत्काल उपचार मिल सके।


मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी, तकनीक आधारित यातायात प्रबंधन और नियमों का पालन अनिवार्य है। इसी के साथ उन्होंने मार्च 2026 तक सभी संवेदनशील मार्गों पर शत-प्रतिशत क्रैश बैरियर लगाने और जिला सड़क सुरक्षा समितियों के माध्यम से उनकी गुणवत्ता की नियमित जांच सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।


सचिवालय में आयोजित सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि सड़क हादसों के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने का रिस्पांस टाइम कम करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए 108 एंबुलेंस सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने की योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने एआई और आधुनिक तकनीक पर आधारित यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता भी बताई, ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों की तुरंत पहचान हो सके और समय पर कार्रवाई की जा सके।


मुख्यमंत्री धामी ने ब्लैक स्पॉट वाले क्षेत्रों में सड़क चौड़ीकरण के कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नमी और जल प्रवाह वाले हिस्सों में सामान्य डामर के बजाय कंक्रीट पैच तैयार किए जाएँ, ताकि फिसलन की समस्या कम हो और सड़कें अधिक सुरक्षित बन सकें।


दुर्घटनाओं की रोकथाम के साथ-साथ उन्होंने आम जनता को त्वरित सहायता देने के लिए फर्स्ट रिस्पांडर ट्रेनिंग प्रोग्राम को नियमित रूप से संचालित करने पर भी जोर दिया। इसके साथ ही वाहनों के रुकने की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर विकसित करने के निर्देश दिए, जहाँ प्राथमिक सुविधाएँ उपलब्ध हों, ताकि वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


बैठक के बाद मुख्यमंत्री सीधे आईएसबीटी पहुँचे और वहाँ सफाई अभियान में स्वयं भाग लेकर स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। उन्होंने बस अड्डों पर नियमित स्वच्छता, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराने को भी आवश्यक बताया।


आगामी शीतकालीन यात्रा, चारधाम यात्रा और नंदा देवी राजजात के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने परिवहन और पर्यटन विभाग को समन्वय स्थापित कर यातायात व्यवस्था को और मजबूत बनाने के निर्देश दिए। साथ ही, गन्ना पेराई सत्र से पहले किसानों को ढुलाई के दौरान सुरक्षित परिवहन के लिए जागरूक करने की बात कही। हिट एंड रन मामलों के समयबद्ध निस्तारण, सड़क किनारों पर वन विभाग द्वारा बांस के पौधे लगाने और पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष नियमावली लागू करने जैसे कदम भी बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओं के रूप में सामने आए।


सरकार के इन निर्देशों का उद्देश्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा को व्यापक रूप से मजबूत करना, दुर्घटनाओं की संख्या कम करना और दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को अधिक प्रभावी व त्वरित सहायता उपलब्ध कराना है।

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