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ऋषिकेश में महिला अधिवक्ता के साथ छेड़छाड़, बजरंग दल का मिला समर्थन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 20 नव॰
  • 2 मिनट पठन
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ऋषिकेश में एक महिला अधिवक्ता ने समुदाय विशेष के कुछ युवकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आईडीपीएल चौकी पुलिस को तहरीर देकर मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर काफी हलचल मचा दी है, और महिला अधिवक्ता के समर्थन में बजरंग दल के सदस्य भी सामने आए हैं। उन्होंने चौकी पर प्रदर्शन कर पुलिस को चेतावनी दी है कि यदि आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।


आरोपों का विवरण-

महिला अधिवक्ता ने अपनी तहरीर में बताया कि वह भरत विहार क्षेत्र में कई वर्षों से रह रही हैं। उनके पास एक खाली प्लॉट है, जिसमें समुदाय विशेष के कुछ युवक झोपड़ी बनाकर रहते हैं। आरोप है कि ये युवक अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं और अश्लील हरकतें करते हैं। जब महिला अधिवक्ता ने इन युवकों को समझाने की कोशिश की, तो उन्होंने महिला का हाथ पकड़ लिया और उनकी माता के साथ भी बदसलूकी की।

महिला अधिवक्ता ने इस घटना की शिकायत प्लॉट के केयरटेकर रमाकांत गुप्ता से की, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इस वजह से महिला अधिवक्ता ने पुलिस को तहरीर देकर न्याय की मांग की।


बजरंग दल का समर्थन और प्रदर्शन-

बजरंग दल के संयोजक नरेश उनियाल ने इस मामले में महिला अधिवक्ता के समर्थन में आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बजरंग दल के सदस्य आईडीपीएल चौकी के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और पुलिस को चेतावनी दे रहे हैं कि यदि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे। इस प्रदर्शन ने स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है कि वे मामले की गंभीरता से जांच करें और उचित कदम उठाएं।


पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच की स्थिति-

आईडीपीएल चौकी प्रभारी विनय शर्मा ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि आरोपों की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


पुलिस की इस प्रतिक्रिया से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मामले में न्याय मिलेगा और पीड़ित महिला को सुरक्षा और सम्मान मिलेगा।


घटना से जुड़े सामाजिक और कानूनी पहलू-

यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत विवाद है, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और महिला अधिकारों से जुड़ा हुआ है। महिला अधिवक्ता पर हुए आरोप और उनके समर्थन में हुए प्रदर्शन ने यह दिखाया है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।


साथ ही, यह घटना यह भी बताती है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस को ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और समाज में कानून का शासन बना रहे।


यह घटना हमें याद दिलाती है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली किसी भी प्रकार की हरकत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाना होगा।



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