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नैनीताल हाईकोर्ट ने दिए निर्देश- पहले मैदान में खेल, बाद में राजनीतिक-धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 2 अग॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के एकमात्र खेल मैदान डीएसए (डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स एसोसिएशन) में स्थानीय खिलाड़ियों और स्थानीय टूर्नामेंट पर लगी रोक के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर महत्वपूर्ण सुनवाई की है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने मामले की जांच के बाद स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी संस्था द्वारा आयोजित किए जाने वाले लैंडो लीग फुटबॉल टूर्नामेंट को आयोजित किया जाएगा, और स्थानीय खिलाड़ियों व युवाओं के लिए मैदान खुला रहेगा।


कोर्ट ने खेल विभाग को सख्त हिदायत दी है कि वे स्थानीय लोगों को डीएसए मैदान में आने-जाने, बच्चों और युवाओं को मैच की प्रैक्टिस और जॉगिंग के लिए किसी भी प्रकार की पाबंदी न लगाएं। साथ ही, खेल विभाग से कहा गया है कि मैदान में ट्रैक का निर्माण केवल खेल संबंधित मानकों के अनुसार ही किया जाए। मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है।


खेल को प्राथमिकता, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रम बाद में

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि खेल किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए स्वस्थ जीवन की बुनियाद है, और नैनीताल का डीएसए मैदान इसी उद्देश्य से एकमात्र उपयुक्त स्थान है। अगर इसे स्थानीय लोगों के लिए बंद किया गया, तो वे सड़कों पर वॉकिंग करने को मजबूर होंगे, जिससे उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि खेल गतिविधियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और धार्मिक या राजनीतिक आयोजनों को मैदान पर बाद में रखा जाना चाहिए।


कोर्ट ने खेल विभाग, नगर पालिका और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे मिलकर बैठक करें और निर्धारित करें कि किस खेल आयोजन को कब और किस प्रकार से कराना है। इस बैठक की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जानी चाहिए।


फुटबॉल टूर्नामेंट की अनुमति मिली

जनहित याचिका में अधिवक्ता उन्नति पंत ने बताया कि डीएसए मैदान के नियंत्रण के खेल विभाग को जाने के बाद से स्थानीय लोगों को मैदान में प्रवेश और स्थानीय टूर्नामेंट आयोजित करने से रोका जा रहा है। जबकि मैदान में प्रति वर्ष लगभग 18 टूर्नामेंट होते हैं, विभाग ने सभी टूर्नामेंट रद्द कर केवल चार की अनुमति दी है। याचिका में आग्रह किया गया है कि स्थानीय युवाओं को प्रैक्टिस की सुविधा दी जाए और होने वाले लैंडो लीग फुटबॉल टूर्नामेंट को बिना किसी रोक-टोक के आयोजित किया जाए। साथ ही, जॉगिंग और प्रैक्टिस करने वाले स्थानीय लोगों से कोई शुल्क न लिया जाए।


याचिकाकर्ता की आपबीती और मैदान का ऐतिहासिक महत्व

याचिकाकर्ता ने बताया कि नगर पालिका बोर्ड के कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक शासन के दौरान प्रदेश सरकार ने डीएसए मैदान का अधिग्रहण कर 30 वर्षों की लीज पर अपना नाम दर्ज कराया। यह मैदान नगर पालिका की संपत्ति है, जिसे सन 1939 में पंजीकृत किया गया था। यह मैदान नैनीताल और प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसने ओलंपियन राजेन्द्र सिंह रावत जैसे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं।


डीएसए मैदान में विविध खेल गतिविधियां

नैनीताल के डीएसए मैदान में वर्षभर हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन सहित कई खेल नियमित रूप से आयोजित होते हैं। इसके अलावा यह मैदान सांस्कृतिक और राजनीतिक आयोजनों के लिए भी इस्तेमाल होता रहा है। कोर्ट की सुनवाई के बाद उम्मीद है कि खेल गतिविधियां पूरी तरह सुचारू रूप से चलेंगी और स्थानीय खिलाड़ियों को वह अवसर मिलेगा जिसके वे हकदार हैं।

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