top of page

अर्द्धकुंभ की भव्यता में लगेगा चार चांद, हरिद्वार के प्रमुख मंदिरों को सजाने की से लेकर रामझूला पुल की होगी मरम्मत

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 15 फ़र॰
  • 2 मिनट पठन



प्रशासन ने 2027 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले अर्द्धकुंभ मेला की तैयारियों में गति पकड़ ली है। इस मेले के दौरान कुंभ क्षेत्र के मंदिरों और पुलों के सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत देवप्रयाग संगम स्थल पर स्थित आर्च पुल और हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर को फसाड लाइट से सजाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।


ऋषिकेश शहर, उसके आसपास के क्षेत्र और प्रमुख पुलों को भी फसाड लाइट से सजाने की योजना बनाई गई है। इस कार्य को पहले चरण में देवप्रयाग संगम आर्च ब्रिज और मनसा देवी मंदिर तक सीमित किया जाएगा। विद्युत यांत्रिकी खंड



लोनिवि ऋषिकेश ने इस योजना के लिए एक प्रस्ताव शासन को भेजा है, जिसमें कुल लागत डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। देवप्रयाग संगम के आर्च पुल पर फसाड लाइट के माध्यम से देवी-देवताओं की चित्रकारी भी की जाएगी, जबकि मनसा देवी मंदिर को सिर्फ फसाड लाइट से सजाया जाएगा।



इसके अलावा, रामझूला पुल की मरम्मत की योजना भी अर्द्धकुंभ के बजट में शामिल की गई है। यह पुल पिछले छह वर्षों से मरम्मत का इंतजार कर रहा है और राज्य के असुरक्षित पुलों में शामिल है। वर्ष 2019 में लोनिवि द्वारा किए गए सर्वे में रामझूला पुल की मरम्मत और लक्ष्मण झूला पुल को बंद करने का सुझाव दिया गया था। तब शासन से 23 लाख रुपये की राशि की मांग की गई थी, जो अब बढ़कर 11 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। हालांकि, इस कार्य को लेकर कई बार डीपीआर वापस की गई, लेकिन हाल ही में लोनिवि ने 11.11 करोड़ रुपये की डीपीआर फिर से शासन को भेजी है और रामझूला पुल की मरम्मत अर्द्धकुंभ के बजट के तहत करने का प्रस्ताव भेजा है।



प्रस्तावों पर प्रशासन की प्रतिक्रिया

------------------------------------------------------

"देवप्रयाग संगम के आर्च ब्रिज और हरिद्वार मनसा देवी मंदिर को फसाड लाइट से सजाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शीघ्र प्रारंभ कर दिया जाएगा।" - पंकज नयाल, अधिशासी अभियंता, विद्युत यांत्रिकी खंड लोनिवि ऋषिकेश


"रामझूला पुल की मरम्मत का कार्य अर्द्धकुंभ के बजट के तहत किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।" - विजय कुमार मोघा, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, नरेंद्रनगर

bottom of page