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Raiwala: नशे के खात्मे की पुरजोर कोशिश, STF और पुलिस की टीम ने दो नशा तस्करों को गिरफ्तार किया

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 2 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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रायवाला: एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने रायवाला पुलिस के साथ मिलकर नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक और जीत हासिल की है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने रायवाला थाना क्षेत्र से दो नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की टीम ने जिनके कब्जे से 45 लाख रुपए कीमत की 151 ग्राम हेरोइन बरामद हुई है। दोनों तस्करों को मुकदमा दर्ज करने के बाद न्यायालय में पेश कर,कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने नशा तस्करों को जेल भेज दिया है। वहीं एसटीएफ की टीम ने मामले में अग्रिम जांच और कार्रवाई शुरू कर दी है।

एसटीएफ की टीम ने मुखबिर की सूचना पर रायवाला थाना पुलिस के सहयोग से यह सफल कार्रवाई की। गिरफ्तार तस्करों की पहचान ईजाद खान (निवासी बदायूं) और नूर आलम (निवासी देहरादून) के रूप में हुई है। पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने बताया कि उन्होंने हेरोइन बदायूं से खरीदी थी और इसे छात्रों को छोटे बिट में बेचने का काम किया था। उबरने के लिए, पुलिस ने यह भी पाया कि इन तस्करों ने पिछले कुछ महीनों में लगभग 200 छात्रों को अपनी गिरफ्त में लिया था।


एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने रायवाला थाना पुलिस के सहयोग से दो नशा तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। नशे के सौदागर जिनकी पहचान ईजाद खान निवासी बदायूं और नूर आलम निवासी देहरादून के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने हेरोइन बदायूं से खरीद कर छात्रों को छोटी-छोटी बिट के रूप में बेचने का जुर्म कबूल किया है। एसटीएफ की टीम बदायूं पुलिस से संपर्क कर मामले की गहराई में जाने का प्रयास भी कर रही है। फिलहाल नशा तस्करों को जेल भेज दिया गया है।


उत्तराखंड में शासन-प्रशासन लगातार नशे के खात्मे के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है। लेकिन नशे के तस्करों के कारण राज्य की युवा आबादी किसी न किसी तरह से नशे की लत के चंगुल में फंस जाती है। यह समस्या सिर्फ व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक जीवन पर भी गंभीर असर डाल रही है। राज्य सरकार, पुलिस और एसटीएफ नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई में गंभीर है और किसी भी प्रकार की तस्करी को बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि लोग नशे के खिलाफ आवाज उठाते हैं और पुलिस को सूचना देते हैं, तो नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई और भी प्रभावशाली होगी। समुदाय के सदस्यों को चाहिए कि वे अपने आसपास की गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

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